Jammu and Kashmir: नाम पूछा, धर्म पूछा… और फिर मार दी गोली: पहलगाम आतंकी हमले की दर्दनाक दास्तां पढ़कर आप भी हो जाएंगे दंग
जम्मू-कश्मीर के शांत और सुरम्य पहलगाम में मंगलवार को अचानक गोलियों की गूंज सुनाई दी, जिसने वहां छुट्टियां मना रहे पर्यटकों को दहशत में डाल दिया।
- Rishabh Chhabra
- 22 Apr, 2025
जम्मू-कश्मीर के शांत और सुरम्य पहलगाम में मंगलवार को अचानक गोलियों की गूंज सुनाई दी, जिसने वहां छुट्टियां मना रहे पर्यटकों को दहशत में डाल दिया। बैसरन गांव की वादियों में हुए इस आतंकी हमले में कई लोग घायल हो गए और कुछ की मौत की भी खबर है, हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इस हमले की सबसे दर्दनाक कहानी एक महिला पर्यटक ने बयां की, जिसने अपने पति को अपनी आंखों के सामने खो दिया।
हमले की चश्मदीद महिला ने रोते हुए बताया, “मैं भेलपुरी खा रही थी और मेरे पति मेरे बगल में खड़े थे। तभी एक व्यक्ति आया और उसने सीधा सवाल किया – 'तुम्हारा धर्म क्या है? क्या तुम मुस्लिम हो?' मेरे पति ने जवाब दिया – 'नहीं', और इतने में उसने फायरिंग कर दी।” इस बयान ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। महिला ने बताया कि फायरिंग के बाद उसके पति वहीं जमीन पर गिर पड़े और खून से लथपथ हो गए। स्थानीय लोगों ने आगे आकर मदद की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
यह हमला न केवल मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला था, बल्कि इससे एक बार फिर घाटी में पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी के चलते इस समय बड़ी संख्या में पर्यटक कश्मीर का रुख कर रहे हैं। वादियों की ठंडी फिजाओं में सुकून तलाशने आए लोग उस दिन खुद को किसी खूबसूरत जगह नहीं, बल्कि एक कैदखाने में महसूस कर रहे थे, जहां उनकी पहचान के आधार पर उन्हें चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा था।
हमले के बाद का दृश्य भयावह था – गोलियों की आवाजों के बीच चीख-पुकार, लोग इधर-उधर भागते हुए, घायल जमीन पर पड़े कराहते हुए, और कुछ अपनी जान बचाने के लिए पेड़ों की आड़ में छिपते हुए। एक महिला अपने खून से लथपथ पति को गोद में लिए बिलखती रही और मदद की गुहार लगाती रही। दूसरी महिला स्थानीय लोगों से रोते हुए कहती रही, “प्लीज मेरे पति को बचा लीजिए, बहुत खून बह गया है।” यह दृश्य हर किसी के रोंगटे खड़े कर देने वाला था।
हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बल हरकत में आए। इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह खुद स्थिति का जायजा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो चुके हैं। स्थानीय प्रशासन ने पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पहलगाम का यह आतंकी हमला सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है – जहां लोगों की जान उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर ली जा रही है। यह कश्मीर की उस खूबसूरती पर एक काला धब्बा है, जिसे देखने हर साल लाखों लोग वहां आते हैं।
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