खतरनाक बन गई है नोएडा की स्ट्रीट लाइट, आरडब्लूए कर रहे बदलने की मांग, मिला ये आश्वासन
- Sajid Ali
- 30 Oct, 2025
Noida: नोएडा सेक्टर 62 स्थित रजत विहार के निवासियों ने सी-ब्लॉक स्थित अपनी सोसाइटी में पुरानी स्ट्रीट लाइटों की बिगड़ती हालत पर चिंता जताई है. उनका कहना है कि ये खराब लाइट अब असुरक्षित भी हो गई हैं. रजत विहार स्थित रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के अनुसार, ज्यादातर खंभे 15-20 साल पुराने, जंग लगे और जड़ से क्षतिग्रस्त हैं, जिससे सुरक्षा को खतरा है. खंभों की खराब स्थिति पर सहमति जताते हुए, प्राधिकरण के अधिकारियों ने अब आश्वासन दिया है कि 10 नवंबर तक इन्हें बदलने का काम शुरू हो जाएगा.
गिर चुके हैं चार खंभे
निवासियों का आरोप है कि भूमिगत केबलें जर्जर हो गई हैं और अक्सर खराब हो जाती हैं, जिससे सोसाइटी के कई हिस्से अंधेरे में रहते हैं. स्थानीय निवासी अजीत सिंह ने कहा कि सूर्यास्त के बाद ब्लॉक के अंदर कई हिस्सों में घना अंधेरा छा जाता है. बच्चों और बुजुर्गों के लिए पैदल चलना जोखिम भरा हो जाता है. आरडब्ल्यूए का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण से एक साल से ज़्यादा समय से संपर्क करने के बावजूद, इलाके में कोई नया पोल नहीं लगा है. रजत विहार सी ब्लॉक, जिसमें लगभग 370 फ्लैट हैं, में हाल के महीनों में चार स्ट्रीट लाइट के खंभे गिर चुके हैं, हालांकि किसी को कोई चोट नहीं आई.
अप्रैल में ही इंजीनियर ने किया था निरीक्षण
आरडब्ल्यूए के महासचिव गोपाल शर्मा ने बताया कि उन्होंने एक साल पहले प्राधिकरण से पुराने खंभों को बदलने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि हमने विशेष रूप से 4 मीटर ऊंचे खंभों का अनुरोध किया था, क्योंकि मौजूदा 12 फुट ऊंचे खंभे बहुत छोटे हैं और पेड़ों और झाड़ियों के कारण उनकी रोशनी अवरुद्ध हो जाती है. अधिकारियों ने हमें नए खंभे लगाने का आश्वासन दिया था. लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के इंजीनियरों ने अप्रैल में साइट का दौरा किया था और प्रतिस्थापन के लिए एक अनुमान तैयार किया था, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है.
10 नवंबर से शुरू होगा बदलने का काम
महाप्रबंधक (विद्युत, जल एवं रखरखाव) आरपी सिंह ने कहा कि प्रतिस्थापन प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा खंभे बहुत पहले लगाए गए थे, और कई नीचे से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अनुमान लगा लिया गया है, और मंजूरी मिलने के बाद 10 नवंबर तक उन्हें बदलने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
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