ग्रेटर नोएडा में एटीएस की बड़ी कार्रवाई: टेरर फंडिंग केस में कंपनी की प्रिंटिंग प्रेस सील, दिल्ली बम धमाके से जोड़कर जांच
कर्मचारियों से दो घंटे तक पूछताछ
- Omprakash Singh
- 13 Nov, 2025
Greater Noida: उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) की टीम ने मंगलवार रात ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक सेक्टर साइट-5 में स्थित एक कंपनी पर टेरर फंडिंग से जुड़े केस में बड़ी कार्रवाई की। टीम ने कंपनी के कार्यालय व प्रिंटिंग प्रेस की गहन तलाशी ली और वहां से कई अहम दस्तावेज बरामद किए। करीब दो घंटे चली जांच के बाद एटीएस ने प्रिंटिंग प्रेस और अन्य रिकॉर्ड को सील कर दिया।
एटीएस की यह कार्रवाई दिल्ली बम धमाके की जांच से भी जोड़ी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी के नेटवर्क का किसी आतंकी गतिविधि से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध रहा है।
मामले में 7 नवंबर को यूपी एटीएस ने दिल्ली निवासी फरहान नबी सिद्दी को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उसने टेरर फंडिंग और बांग्लादेशी घुसपैठियों को पनाह देने की साजिश रची थी। ग्रेटर नोएडा की इस्तांबुल इंटरनेशनल कंपनी में वह प्रिंटिंग प्रेस के माध्यम से भड़काऊ सामग्री की किताबें छपवा रहा था। यह प्रेस कथित रूप से बिना लाइसेंस और अवैध रूप से संचालित की जा रही थी।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि कंपनी के माध्यम से विदेशों से करीब 11 करोड़ रुपये भारत में मंगाए गए। यह धनराशि आरओ बनाने और आयुर्वेदिक दवाओं के कारोबार के नाम पर लाई गई थी। एटीएस को शक है कि यह पैसा हवाला चैनल के जरिए आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया हो सकता है।
मंगलवार रात करीब 8 बजे एटीएस टीम फिर से कंपनी पहुंची। टीम ने वहां मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की और कई दस्तावेजों की जांच की। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कंपनी में ज्यादातर कर्मचारी एक ही समुदाय के हैं, जिससे गुप्त गतिविधियों को बाहर लीक न होने दिया जाए।
टीम ने मौके से प्रिंटिंग प्रेस, कंप्यूटर, फाइलें, और वित्तीय रिकॉर्ड को कब्जे में लिया है। साथ ही जीएसटी विभाग और स्थानीय प्रशासन से कंपनी से जुड़ी आर्थिक जानकारी मांगी गई है।
जांच अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए दिल्ली बम धमाका केस के एंगल से भी कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। एटीएस अब फंडिंग के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, विदेशी खातों और संदेहास्पद लेनदेन की जांच कर रही है।
इस कार्रवाई के बाद से साइट-5 औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों की हलचल बढ़ गई है और कई अन्य कंपनियों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है।
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