यूपी में जमीन और प्रॉपर्टी की नई दरें लागू, रजिस्ट्री के नियम बदले- अब हर मंजिल और लोकेशन के हिसाब से अलग कीमत
यूपी में जमीन और प्रॉपर्टी की नई दरें लागू। अब एक से चार मंजिला भवनों, कृषि भूमि और पार्क/दो सड़कों से घिरे प्लॉट की रजिस्ट्री नई कीमतों पर होगी।
- Amit Mishra
- 14 Nov, 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने जमीन और प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए नई न्यूनतम सरकारी दरों (Circle Rate) की सूची पूरे प्रदेश में लागू कर दी है। नई व्यवस्था के बाद प्रदेश में जमीन, मकान, प्लॉट और फ्लैटों की रजिस्ट्री अब नई तय दरों पर होगी। इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो जमीन खरीदना–बेचना, मकान बनाना या बहुमंजिला भवन की रजिस्ट्री करवाना चाहते हैं। सरकार के अनुसार नई दरों का उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और संपत्तियों का मूल्यांकन वास्तविक आधार पर करना है।
हर मंजिल की अलग कीमत
नई व्यवस्था के अनुसार अब एक से चार मंजिल तक के भवनों में हर फ्लोर की कीमत अलग-अलग तय होगी। पहले जहां पूरी बिल्डिंग को एक ही मानक पर आंका जाता था, अब हर मंजिल का अविभाजित हिस्सा अलग कीमत पर रजिस्टर्ड होगा। इससे बहुमंजिला इमारतों के खरीदारों व मालिकों को सीधा असर देखने को मिलेगा।
लोकेशन के आधार पर जमीन महंगी
नई सूची में लोकेशन के अनुसार भी दरें बढ़ा दी गई हैं।
यदि किसी प्रॉपर्टी के सामने पार्क है,
या प्लॉट दो सड़कों से घिरा है,
तो उसकी सरकारी कीमत पहले की तुलना में 10% से 20% अधिक मानी जाएगी।
ऐसे प्लॉट अब उच्च रेट पर रजिस्टर्ड होंगे।
कृषि भूमि के लिए भी बदलेंगे नियम
सरकार ने कृषि भूमि के मूल्यांकन में भी बदलाव किया है।
अब खेत की कीमत इस आधार पर तय होगी कि वह सड़क से कितनी दूरी पर है।
सड़क के नजदीक जमीन महंगी,
दूर स्थित जमीन सस्ती मानी जाएगी।
सरकारी एजेंसियों की संपत्तियों पर नई दरें लागू
यूपीसीडा, नोएडा अथॉरिटी, आवास विकास परिषद और अन्य सरकारी प्राधिकरणों की संपत्तियों पर भी अब सरकार की नई दरें लागू होंगी।
यदि किसी क्षेत्र में दो अलग-अलग दरें सामने आती हैं, तो रजिस्ट्री उसी सबसे ऊंची दर पर होगी।
सरकार का दावा
सरकार का कहना है कि यह बदलाव —
फर्जी मूल्यांकन रोकेंगे
टैक्स और रजिस्ट्री से मिलने वाली सरकारी आय बढ़ाएंगे
रियल एस्टेट सिस्टम को पारदर्शी बनाएंगे
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