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नोएडा में बिजली कटौती से मिलेगी मुक्ति, स्काडा योजना के तहत बनेंगे 15 सबस्टेशन

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प्रोजेक्ट पर लगभग 1313 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे
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Noida: गौतमबुद्ध नगर जिले में बिजली वितरण तंत्र को आधुनिक और सुचारू बनाने के लिए स्काडा योजना के तहत 15 नए बिजली उपकेंद्र स्थापित किए जाएंगे। इनमें 33/11 केवी के 9 उपकेंद्र जीआईएस (गैस इंसुलेटेड सिस्टम) तकनीक से और 6 उपकेंद्र एआईएस (एयर इंसुलेटेड सिस्टम) तकनीक से तैयार होंगे। पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 1313 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो चुका है और सभी उपकेंद्र अगले दो वर्षों में बनकर तैयार होने की योजना है।


जीआईएस उपकेंद्र की खासियत

जीआईएस तकनीक वाले उपकेंद्र पारंपरिक एआईएस की तुलना में 6070% कम जमीन में तैयार हो जाते हैं। ये पूरी तरह कंप्यूटरीकृत होते हैं, जिससे किसी भी तकनीकी खराबी की चेतावनी समय रहते मिल जाती है। हालांकि इनकी लागत एआईएस उपकेंद्रों से लगभग डेढ़ गुना अधिक होती है।


शहरी क्षेत्रों में अधिक जीआईएस उपकेंद्र

विद्युत निगम के अधिकारियों के अनुसार, शहर में 9 उपकेंद्र जीआईएस तकनीक से बनाए जाएंगे, जबकि 6 उपकेंद्र एआईएस तकनीक पर आधारित होंगे। इन उपकेंद्रों के निर्माण के लिए टेंडर मेरठ मुख्यालय से जारी किए जा रहे हैं। सभी प्रक्रियाएं पूरी होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।सेक्टर-63, एनएसईजेड, सेक्टर-108, 83, 84, 126, 16, 8 और सेक्टर-59 सहित जिले के अन्य इलाकों में 33/11 केवी उपकेंद्र तैयार किए जाएंगे। इन सेक्टरों में अधिकतर बहुमंजिला कार्यालय मौजूद हैं, जिनके कारण बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है। यहां छोटे ट्रांसफॉर्मर लगाने की जरूरत महसूस हो रही है। मांग को देखते हुए 33/11 केवीए के एक से दो नए उपकेंद्र प्रस्तावित हैं।


बिजली कटौती से मिलेगी राहत

नोएडा और ग्रेटर नोएडा को नो-कट जोन घोषित किए जाने के बावजूद गर्मियों में 4 से 6 घंटे तक बिजली कटौती आम बात है। पर्याप्त बिजली उपलब्ध होने के बाद भी 33/11 केवी उपकेंद्रों की कमी के कारण आपूर्ति पर दबाव बनता है। वर्तमान में जिले में लगभग 90 उपकेंद्र (2600 एमवीए क्षमता) और मात्र तीन 400 केवीए उपकेंद्र मौजूद हैं। अधीक्षण अभियंता विवेक कुमार पटेल ने बताया कि जिले में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए ढांचागत विकास तेजी से हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत जीआईएस तकनीक से नए उपकेंद्र बनाए जाएंगे।

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