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गौतमबुद्ध नगर में ट्रैफिक व्यवस्था; एक साल में हादसे रोकने के लिए उठाए कड़े कदम, लापरवाह वाहन चालकों पर कार्रवाई

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गौतमबुद्धनगर में ट्रैफिक में क्रांति: पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में वर्ष 2025 में यातायात व्यवस्था को सुरक्षित, सुगम और तकनीक-सक्षम बनाने की बड़ी पहल
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Noida: गौतमबुद्धनगर में यातायात व्यवस्था को अधिक सुचारू, सुरक्षित और दुर्घटनामुक्त बनाने के लिए वर्ष 2025 में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में यातायात पुलिस द्वारा कई महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कदम उठाए गए। जन-सहयोग, तकनीक आधारित निगरानी, कड़े प्रवर्तन, जागरूकता अभियानों, त्वरित कार्रवाई और समन्वित प्रयासों के चलते जिले की यातायात व्यवस्था पहले से अधिक सुगम और प्रभावशाली हुई है।


प्रतिदिन 700 यातायात पुलिसकर्मी रहते हैं तैनात
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में तेजी से बढ़ते वाहनों के कारण यातायात व्यवस्था चुनौतीपूर्ण है। इस स्थिति को देखते हुए पुलिस कमिश्नर के निर्देशन में कई वैज्ञानिक व प्रशासनिक कदम उठाए गए, जिससे लोगों की दैनिक आवाजाही अधिक सुगम और सुरक्षित हो सके। यातायात को सुचारू रखने के लिए लगभग 700 यातायात पुलिसकर्मी नियुक्त किए गए हैं, जो 198 महत्वपूर्ण स्थानों पर दो शिफ्टों में ड्यूटी कर वाहनों की आवाजाही नियंत्रित करते हैं। DND फ्लाईवे पर जहां प्रतिदिन केवल 70,000 वाहनों की क्षमता है, वहीं करीब 3,60,000 वाहन गुजरते हैं। इसके अलावा नोएडा–ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर 24 घंटे निगरानी बनाए रखने के लिए Eco Patrol Units चार पहिया वाहनो की तैनात रहती हैं, जिससे किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाती हैं।

शहर की 24×7 मॉनिटरिंग
यातायात नियंत्रण को और प्रभावी बनाने के लिए कमिश्नरेट में Integrated Smart Traffic Management System (ISTMS) का उपयोग किया जा रहा है, जिसके माध्यम से शहर की गतिविधियों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाती है। इस आधुनिक प्रणाली की मदद से वर्ष 2025 में कई महत्वपूर्ण मामलों में आरोपी पकड़े गये और आवश्यक कार्रवाई की गई। इसी तकनीक के माध्यम से 245 चोरी की घटनाएँ तेजी से सुलझाई गईं, 217 सड़क दुर्घटनाओं में जानकारी मिलते ही तुरंत प्राथमिक उपचार पहुंचाया गया, 203 लूट और स्नैचिंग के मामलों का खुलासा हुआ, 14 हत्या के मामलों में महत्वपूर्ण सुराग मिले, 112 खोए हुए सामान को पहचानकर लोगों को वापस कराया गया तथा 21 झगड़े-फसाद की घटनाओं में तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया गया। यह तकनीक अब कमिश्नरेट की त्वरित और सटीक कार्रवाई का एक मजबूत आधार बन चुकी है।

8 लाख से अधिक लोगों को किया जागरूक
जन-सहभागिता को बढ़ावा देते हुए कमिश्नरेट पुलिस ने व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया, जिसमें स्कूलों, कॉलेजों, RWAs, ट्रांसपोर्ट यूनियनों और विभिन्न संस्थानों तक सीधी पहुंच बनाकर लोगों को यातायात नियमों की जानकारी दी। इस अभियान के तहत लगभग 700 स्कूलों और कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 4.5 लाख से अधिक छात्रों और शिक्षकों को सुरक्षित यातायात से जुड़े महत्वपूर्ण संदेश दिए गए। इसके अलावा, शहर के 2500 से अधिक चौराहों और तिराहों पर कार्यशालाएँ आयोजित कर 5.5 लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया गया। वर्षभर में 3200 से अधिक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 8 लाख से अधिक नागरिकों तक सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारी पहुँचाई गई, जिससे आम लोगों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता में महत्वपूर्ण बदलाव आया।

82 स्थानों पर  VMD और PA सिस्टम
कमिश्नरेट क्षेत्र के 20 महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थापित Variable Message Display Boards के माध्यम से यातायात व सुरक्षा से जुड़े रियल-टाइम संदेश लगातार प्रसारित किए जाते हैं। जिससे आमजन को त्वरित और सटीक जानकारी मिलती है। सड़क सुरक्षा, आपात स्थिति व भीड़-नियंत्रण के दौरान त्वरित मार्गदर्शन सुनिश्चित होता है। इसी प्रकार 82 प्रमुख स्थानों पर लगाए गए Public Announcement System के माध्यम से निरंतर जागरूकता संदेश प्रसारित कर नागरिकों को नियमों के पालन, सुरक्षा सावधानियों तथा आवश्यक निर्देशों से अवगत कराया जा रहा है। इससे न केवल लोगों में सुरक्षा के प्रति विश्वास बढ़ता है, बल्कि संवेदनशील स्थितियों में पुलिस-जन सहयोग भी प्रभावी रूप से सुनिश्चित होता है।

 गति सीमा का डिजिटल प्रकाशन 
दिनांक 12 नवम्बर 2025 को पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश की गरिमामय वर्चुअल उपस्थिति में कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के प्रमुख मार्गों की स्पीड-लिमिट को गूगल मैप पर लाइव अपडेट किया गया। इस नवीन तकनीकी से वाहन चालकों को मार्ग पर चलते समय वास्तविक गति सीमा की सटीक जानकारी तुरंत उपलब्ध होने लगी। इसके परिणामस्वरूप ओवरस्पीडिंग की घटनाओं में कमी, दुर्घटनाओं की रोकथाम, नियम-पालन में सुधार तथा आमजन में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। यह कदम स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुआ है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ मार्गों पर सुचारू एवं अनुशासित यातायात प्रवाह को भी प्रोत्साहन मिला है।

दुर्घटना में त्वरित प्रतिक्रिया
15 नवम्बर 2025 को कमिश्नरेट के 09 थानों में 09 CC Team की नियुक्ति कर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से एक प्रभावी एवं त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र विकसित किया गया। इन टीमों को विशेष रूप से प्रशिक्षित कर इस तरीके से तैनात किया गया है कि किसी भी दुर्घटना अथवा आपात स्थिति की सूचना प्राप्त होते ही टीम तुरंत मौके पर पहुँचकर राहत, सहायता और आवश्यक विधिक कार्रवाई प्रारम्भ कर सकें। इस व्यवस्था से दुर्घटना के बाद की ‘गोल्डन ऑवर’ प्रतिक्रिया समय में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे घायल व्यक्तियों को समय पर चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने, भीड़ नियंत्रण, यातायात सुचारू रखने तथा दुर्घटना के कारणों का त्वरित परीक्षण करने में बड़ी सहायता मिल रही है। यह पहल कमिश्नरेट में सड़क सुरक्षा के स्तर को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

“No Helmet – No Fuel” अभियान
पेट्रोल पंपों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाते हुए दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने के महत्व के बारे में विस्तार से समझाया जा रहा है, परिणामस्वरूप अधिक से अधिक लोग अब अपने दैनिक सफर में हेलमेट को जीवन रक्षा उपकरण के रूप में देखने लगे हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में सिर की गंभीर चोटों की संभावना कम हुई है और समग्र रूप से जन-जीवन की सुरक्षा में बढ़ोतरी हुई है।

प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण
यातायात पुलिस कर्मियों की सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने के लिए कमिश्नरेट ने निजी अस्पतालों के साथ मिलकर विशेष स्वास्थ्य एवं आपात-सेवा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। जिनमें पुलिस कर्मियों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने CPR और First-Aid का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया, ताकि किसी भी सड़क दुर्घटना या आपात स्थिति में वे तुरंत और सही तरीके से सहायता प्रदान कर सकें। चिकित्सकों द्वारा समय-समय पर दिए गए इन प्रशिक्षणों ने पुलिस कर्मियों को न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान किया, बल्कि आपातकालीन स्थिति में आत्मविश्वास से काम करने के लिए भी सक्षम बनाया।

2025 में कितने हुए चालान
यातायात व्यवस्था को सुरक्षित और अनुशासित बनाने के लिए कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध लगातार कड़ी कार्यवाही की गई। नो-पार्किंग में वाहन खड़ा करने पर 2,09,865 चालान किए गए, जिससे मुख्य मार्गों पर जाम की समस्या में कमी आई। गलत या अपठनीय नंबर प्लेट वाले 57,411 वाहनों तथा काली फिल्म लगे 14,237 वाहनों पर कार्रवाई कर सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ किया गया। शराब पीकर वाहन चलाने के खतरनाक व्यवहार पर भी सख्त कार्रवाई करते हुए 141 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। ओवरस्पीडिंग के 59,242 मामलों और बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चलाने वाले 27,106 चालकों पर की गई कार्यवाही ने सड़क सुरक्षा को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि नागरिकों को सुरक्षित यात्रा वातावरण प्रदान करना और दुर्घटनाओं को रोकना है, ताकि हर व्यक्ति सड़क पर अधिक सुरक्षित महसूस कर सके।

6.10 लाख ई-चालानों का सफल निस्तारण
सोशल मीडिया और जन-संपर्क माध्यमों के माध्यम से नागरिकों को ई-चालान निस्तारण के लिए जागरूक किया गया, जिससे लोगों ने सक्रिय रूप से अपनी देयताएँ चुकाई। परिणामस्वरूप, 08.03.2025 को 9,27,000 में से 1,75,611 चालान निस्तारित कर ₹1,34,40,470, 10.05.2025 को 9,30,000 में से 1,42,793 चालान निस्तारित कर ₹1,25,47,320, और 13.09.2025 को 10,60,956 में से 2,92,200 चालान निस्तारित कर ₹2,47,94,510 की राशि न्यायालयीय रूप से वसूल की गई।  कुल मिलाकर 6,10,604 ई-चालानों का निस्तारण कर ₹5,07,82,300 की धनराशि न्यायालयीय प्रक्रिया के तहत सफलतापूर्वक प्राप्त की गई, जिससे नियमों का पालन बढ़ा और आमजन में जिम्मेदारी की भावना जाग्रत हुई।

 सुरक्षित और जिम्मेदार यातायात व्यवस्था
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर द्वारा आपात स्थितियों में जीवन रक्षा सुनिश्चित करने के लिए Green Corridor तैयार किए गए, जिससे एंबुलेंस को बिना किसी रुकावट के अस्पताल तक पहुँचाया जा सका। 08 जनवरी 2025 को कालिंदी कुंज बॉर्डर से यथार्थ अस्पताल तक लगभग 35 किलोमीटर की दूरी केवल 24 मिनट में तय कर एक मानव अंग (किडनी) को सुरक्षित रूप से अस्पताल पहुंचाया गया। इस तेज़ और सुव्यवस्थित कार्रवाई ने मरीज की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी तरह, 27 अगस्त 2025 को DND फ्लाईवे से PGI नोएडा तक 6 किलोमीटर की दूरी मात्र 3 मिनट 50 सेकंड में पार कर गंभीर मरीज को समय पर अस्पताल पहुँचाया गया। इन उदाहरणों से आमजन को यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि कमिश्नरेट न केवल सड़क सुरक्षा में सक्रिय है, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में भी लोगों की जान बचाने हेतु त्वरित और प्रभावी कदम उठाता है।


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