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शीतलहर को लेकर जिला प्रशासन सतर्क, DM मेधा रूपम ने जारी की एडवाइजरी- बुजुर्गों, बच्चों और जरूरतमंदों को विशेष सावधानी की अपील

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गौतमबुद्ध नगर में शीतलहर को देखते हुए DM मेधा रूपम ने सुरक्षा एडवाइजरी जारी की। बुजुर्गों, बच्चों और जरूरतमंदों को सावधानी बरतने की सलाह।
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ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में बढ़ती ठंड और संभावित शीतलहर को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। जिलाधिकारी मेधा रूपम ने सोमवार को आम लोगों के लिए विस्तृत सुरक्षा और स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की है। इसमें नागरिकों को मौसम अपडेट लेने, सावधानी अपनाने और जरूरत पड़ने पर प्रशासनिक मदद लेने की सलाह दी गई है।

ठंड से बचाव के लिए प्रमुख निर्देश

डीएम ने लोगों से विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों का ध्यान रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि शीतलहर स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है, इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है।

क्या करें?

स्थानीय रेडियो, टीवी, अखबार या मोबाइल ऐप से मौसम की जानकारी लेते रहें। कई परतों वाले गर्म कपड़े पहनें- जैसे ऊनी स्वेटर, टोपी, मफलर और जुराबें। घर में हीटर, ब्लोअर, अंगीठी या मिट्टी के चूल्हे का प्रयोग सावधानी से करें और कमरों में वेंटिलेशन बनाए रखें ताकि कार्बन मोनोऑक्साइड का जहरीला धुआं न भर सके। गीले कपड़े तुरंत बदलें, शरीर को सूखा रखें, इसके अलावा धूप मिले तो उसका लाभ जरूर लें।

क्या न करें?

बंद कमरों में अंगीठी या कोयला न जलाएं।

बहुत ठंड में बिना आवश्यकता घर से बाहर न निकलें।

बच्चों और बुजुर्गों को तेज ठंडी हवा से दूर रखें।

भोजन और स्वास्थ्य सुझाव

एडवाइजरी में स्वास्थ्य से जुड़े सुझाव भी शामिल हैं कि गरम सूप, दूध, हर्बल चाय और पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं। विटामिन-C वाली चीजें जैसे संतरा, नींबू, पालक और सब्जियां खाएं। शरीर में तेल या पेट्रोलियम जेली लगाने से त्वचा की नमी बनी रहती है और ठंड का प्रभाव कम होता है।

हाइपोथर्मिया और शीतदंश के लक्षणों पर तुरंत ध्यान दें

अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीकी अस्पताल संपर्क करें: शरीर का तापमान बहुत कम होना, होंठ, कान, नाक या उंगलियों का सुन्न होना, तुतलाहट, भ्रम, भूली-बिसरी बात या अत्यधिक थकान। 

बेघर, वृद्ध और पशुओं के लिए भी व्यवस्था

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि: आश्रय स्थलों में अलाव की व्यवस्था रहे, जरूरतमंद लोगों को कम्बल उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही पालतू पशुओं और पक्षियों के लिए भी सुरक्षित बंदोबस्त किया जाए। 

 मदद की जरूरत हो तो?

नागरिक प्रशासन, पास की पुलिस चौकी, तहसील या क्षेत्रीय लेखपाल से संपर्क कर सकते हैं। जिला प्रशासन ने साफ कहा है कि शीतलहर के दौरान सावधानी ही सबसे बड़ा सुरक्षा उपाय है। लोगों से अपील है कि वह स्वयं सुरक्षित रहें और जरूरतमंदों की मदद कर मानवीयता भी निभाएं।

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