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नोएडा में प्रदूषण का स्तर नहीं थमा, 339 AQI के साथ देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बना

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नोएडा में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। 339 AQI के साथ देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर दर्ज हुआ। ग्रेटर नोएडा में AQI 316, कई सेक्टर रेड जोन में रहे।
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नोएडा। शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब बनी हुई है। नवंबर के बाद दिसंबर में भी हवा की गुणवत्ता सुधरने के बजाय खराब श्रेणी में ही दर्ज की जा रही है। शनिवार को नोएडा का AQI 339 रिकॉर्ड किया गया, जिसके साथ शहर देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। पहले स्थान पर हापुड़ और तीसरे स्थान पर बहादुरगढ़ दर्ज किया गया। वहीं, ग्रेटर नोएडा का AQI 316 रहा, जो गंभीर श्रेणी के करीब माना जा रहा है।

CPCB की रिपोर्ट में नोएडा–ग्रेटर नोएडा दोनों रेड जोन में

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, नोएडा और ग्रेटर नोएडा का औसत AQI 300 के ऊपर रहा, जो रेड जोन की श्रेणी में आता है। यह स्तर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है और संवेदनशील लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

सेक्टरवार हवा की स्थिति

भले ही शहर का औसत AQI रेड जोन में रहा हो, लेकिन कुछ सेक्टरों में हवा अपेक्षाकृत बेहतर श्रेणी में दर्ज की गई। ऑरेंज जोन (Air Quality: Poor) नोएडा सेक्टर-62 और ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क, यहां हवा का स्तर ऑरेंज जोन में रहा, जो रेड जोन की तुलना में कम प्रदूषित है। रेड जोन (Air Quality: Very Poor to Severe) सेक्टर-125, सेक्टर-116 इन क्षेत्रों में AQI 300 से अधिक रहा, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर स्थिति दर्शाता है।

प्रदूषण कम न होने की वजहें

विशेषज्ञों के अनुसार- ठंडी हवाओं की कमी, स्थिर वातावरण, निर्माण कार्यों से धूल, वाहन प्रदूषण इन सबके कारण सर्दियों में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह

डॉक्टरों के अनुसार- सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें, मास्क का उपयोग करें, बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए। 

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