नोएडा में फर्जी ट्रैफिक चालान APK फाइल से किसान के मोबाइल हैक, 17 लाख रुपये उड़ाए
नोएडा में साइबर ठगों ने फर्जी ट्रैफिक चालान APK भेजकर किसान का मोबाइल हैक कर लिया और नेट बैंकिंग बदलकर 17 लाख रुपये निकाल लिए। साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज।
- Omprakash Singh
- 12 Dec, 2025
नोएडा। जिले में साइबर ठगी का नया मामला सामने आया है, जिसमें फर्जी ट्रैफिक चालान के नाम पर भेजी गई APK फाइल के जरिये ठगों ने एक कृषक का मोबाइल हैक कर लिया और उसके बैंक खाते से 17 लाख रुपये निकाल लिए। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाना नोएडा में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस जांच में जुट गई है।
कैसे हुआ फ्रॉड?
दादरी के दुरियाई गांव निवासी पंकज कुमार, जो खेती के साथ कारोबार भी करते हैं, के मोबाइल पर 6 दिसंबर की शाम लगभग 5:30 बजे एक अनजान नंबर से “RTO चालान” के नाम पर मैसेज आया। संदेश में एक लिंक था, जिसे खोलने पर APK फाइल डाउनलोड हो गई। पंकज ने जल्दबाजी में इसे इंस्टॉल कर लिया और थोड़ी देर में उनका फोन हैंग और रिस्टार्ट होने लगा। इसके बाद मोबाइल रिमोटली नियंत्रित हो गया। ठगों ने नेट बैंकिंग पासवर्ड बदल दिया और रात 9 बजे तक 14 बार में 17 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए। पीड़ित को बैंक अलर्ट मैसेज आने पर ठगी का पता चला। उन्होंने तुरंत NCRP पोर्टल और साइबर क्राइम थाना पुलिस को शिकायत दी।
पुलिस की जांच
थाना प्रभारी विजय सिंह राणा ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिन खातों में रकम भेजी गई है, उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
आजकल तेजी से बढ़ रहे APK फाइल फ्रॉड
साइबर क्राइम टीम के अनुसार, देशभर में कई प्रकार की APK फाइल आधारित ठगी तेजी से बढ़ रही है।
सबसे अधिक प्रचलित 7 APK फ्रॉड इस प्रकार हैं—
1️⃣ गैस कनेक्शन APK फ्रॉड
2️⃣ ऑनलाइन कार रेंटल APK फ्रॉड
3️⃣ ई-सिम एक्टिवेशन APK फ्रॉड
4️⃣ हॉस्पिटल अपॉइंटमेंट APK फ्रॉड
5️⃣ बैंकिंग APK फ्रॉड
6️⃣ वेडिंग इन्विटेशन APK फ्रॉड
7️⃣ ट्रैफिक चालान APK फ्रॉड
क्या होती है APK फाइल?
साइबर विशेषज्ञ समरपाल के अनुसार APK एक पैकेज फाइल फॉर्मेट है, जिसे एंड्रॉइड मोबाइल में ऐप इंस्टॉल करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें ऐप का पूरा कोड, डेटा और रिसोर्स एक ZIP फाइल की तरह पैक होते हैं। ठग इसी संरचना का दुरुपयोग कर मोबाइल में मैलवेयर इंस्टॉल करा देते हैं, जिससे फोन का नियंत्रण, पासवर्ड, बैंकिंग जानकारी उनके हाथ लग जाती है।
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