दो गुना पैसे का लालच देकर ठगी करने वाला गिरोह का पर्दाफाश, 16 लाख लेकर थमा दिए थे कागजों के नोट
- Omprakash Singh
- 13 Dec, 2025
Greater Noida: दो गुना पैसे देने का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले एक शातिर गिरोह का थाना बिसरख पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में छह ठगों को गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से दो लग्जरी कारें, 5 लाख 75 हजार रुपये नकद, फर्जी दस्तावेज और अन्य सामान बरामद किया है।
महिला की शिकायत से हुआ खुलासा
सेंट्रल नोएडा के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि 5 दिसंबर को एक महिला ने थाना बिसरख में लिखित शिकायत दी थी। महिला के अनुसार उसके जीजा विशाल अग्रवाल पिछले दस दिनों से मुनाफा दिलाने के नाम पर पैसे मांग रहे थे। विशाल अग्रवाल की बातचीत सोनू यादव नामक व्यक्ति से हो रही थी, जो दो गुना पैसा देने का लालच दे रहा था। शिकायतकर्ता ने अपने परिचित अनित से 16.50 लाख रुपये लिए और 4 दिसंबर की शाम जीजा के साथ गौर सिटी मॉल के पास पहुंची। वहां सोनू यादव और उसका साथी छोटू मिले। दोनों के कहने पर वे लोग सेंच्यूरियन ट्रेस होम्स सोसायटी के टावर बी-2 स्थित एक फ्लैट पर पहुंचे, जहां पहले से मौजूद दो अन्य युवकों ने रुपये ले लिए और बदले में दोगुने पैसों से भरा एक बैग दे दिया।
नकली नोटों की गड्डियां थमाकर फरार हुए आरोपी
इसके बाद सोनू यादव और छोटू को ब्लू स्फायर मॉल के पास उतार दिया गया। जब पीड़ितों ने गाड़ी में बैग खोलकर देखा तो पाया कि नोटों की गड्डियों के ऊपर केवल एक-एक असली नोट था, जबकि अंदर कागज की गड्डियां भरी थीं। ठगी का अहसास होते ही वे लोग वापस फ्लैट पर पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी नकदी लेकर फरार हो चुके थे। महिला की शिकायत पर थाना बिसरख पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
छह आरोपी गिरफ्तार, बड़ी बरामदगी
जांच के दौरान थाना बिसरख पुलिस ने शुक्रवार को सेक्टर-16बी स्थित रूद्रा निर्माणाधीन सोसायटी के पास से चंचल कुमार, इंद्रमणि उर्फ राजा उर्फ इन्द्र, रितेश कुमार उर्फ अंकित, शुभम तिवारी, नवीन सिंह और गौरव गुप्ता को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त कार, 5.75 लाख रुपये नकद, फर्जी दस्तावेज और अन्य सामान बरामद किया गया। इस सफल कार्रवाई पर डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
इस तरह देते थे ठगी को अंजाम
डीसीपी ने बताया कि यह एक सक्रिय गैंग है, जिसमें 6 से 7 लोग शामिल रहते हैं। गिरोह के सदस्य लोगों को ज्यादा पैसे का लालच देकर नोट बदलने के नाम पर ठगी करते थे। दो सदस्य ग्राहक को अपने जाल में फंसाते थे, जबकि बाकी आरोपी पहले से तय फ्लैट पर मौजूद रहते थे। आरोपी फर्जी नामों से लोगों से मिलते थे। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे ऐसे लोगों को निशाना बनाते थे, जिनके पास अधिक मात्रा में नकदी होती थी। फ्लैट में पहले से तैयार कमरे में एक खास तरह की तख्तनुमा चौकी रखी जाती थी, जिसमें छेद बना होता था। एक आरोपी ऊपर बैठकर नोट गिनने का नाटक करता था, जबकि नीचे बैठा व्यक्ति असली नोट हटाकर उनकी जगह कागज की गड्डियों पर ऊपर से एक असली नोट लगा देता था। ग्राहक के सामने मशीन से नोट गिनकर भरोसा दिलाया जाता था कि सभी नोट असली हैं। इसके बाद बैग में नकली गड्डियां भरकर उसे खुद लॉक कर दिया जाता था और ग्राहक को गिनने का मौका नहीं दिया जाता था। दो आरोपी ग्राहक को दूर तक छोड़ने चले जाते थे, ताकि बाकी लोग फ्लैट से नकदी लेकर फरार हो सकें।
पहले भी कर चुके हैं ठगी
पुलिस के अनुसार, आरोपी इससे पहले दिल्ली के सरिता विहार इलाके में भी इसी तरह की ठगी की घटना को अंजाम दे चुके हैं। गिरफ्तार आरोपी इंद्रमणि और चंचल पहले से थाना विजयनगर, गाजियाबाद के मुकदमा संख्या 455/2025 में वांछित चल रहे थे। पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य मामलों की भी जांच कर रही है।
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