पढ़ाई पर प्रदूषण की मार; 5वीं तक ऑनलाइन और 6-9वीं तक हाईब्रिड मोड़ पर चलेंगी क्लास
- Sajid Ali
- 15 Dec, 2025
Noida: वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर का असर अब स्कूलों की व्यवस्था पर भी साफ दिखाई देने लगा है। ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू होने और दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के 500 के करीब पहुंचने के बाद गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने स्कूलों के संचालन में बड़े बदलाव किए हैं। दोनों जिलों में अगली सूचना तक स्कूलों को ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड में चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं। शासन के आदेश के अनुसार पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी तरह ऑनलाइन होगी। इन कक्षाओं की परीक्षाएं फिलहाल रद्द कर दी गई हैं।
आदेश आज से ही लागू
गौतम बुद्ध नगर के जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 14 दिसंबर से अंतिम आदेश तक ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड में कक्षाएं संचालित की जाएंगी। प्री-नर्सरी से कक्षा पांच तक की पढ़ाई पूरी तरह ऑनलाइन मोड में होगी। वहीं कक्षा छह से नौवीं और ग्यारहवीं की कक्षाएं हाइब्रिड मोड में चलेंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां संभव होगा वहां ऑनलाइन कक्षाएं लगेंगी और शेष स्थानों पर सीमित रूप से फिजिकल क्लासेस आयोजित की जाएंगी।
10वीं और 12वीं के नियमित चलेंगे क्लास
गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन की ओर से कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है। बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए इन कक्षाओं की पढ़ाई पहले की तरह जारी रहेगी। हालांकि कक्षा पांच तक की परीक्षाएं अब बाद में आयोजित की जाएंगी, जबकि कक्षा छह से आठवीं तक की परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चलती रहेंगी। यह आदेश बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा परिषद, आईसीएसई, संस्कृत शिक्षा परिषद, मदरसा बोर्ड सहित सभी बोर्ड के स्कूलों पर लागू होगा।
प्राइवेट स्कूलों पर भी नियम लागू
इधर, गाजियाबाद जिले में भी पांचवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार शर्मा की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिले के सभी बोर्ड के स्कूलों में प्री-नर्सरी से कक्षा पांच तक की पढ़ाई केवल ऑनलाइन माध्यम से होगी। वहीं कक्षा छह से नौवीं और ग्यारहवीं की कक्षाएं हाइब्रिड मोड में संचालित की जाएंगी। यह व्यवस्था सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर समान रूप से लागू रहेगी।
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