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दिवाली के बाद दिल्ली-नोएडा की हवा ‘जहरीली’, AQI 300 के पार, सांस लेना हुआ मुश्किल

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Noida: रोशनी के त्योहार दिवाली की शाम दिल्ली-एनसीआर पटाखों की आवाज़ और रोशनी से गूंज उठा, लेकिन रात की चमक-धमक के बाद सुबह की हवा में ज़हर घुल गया। दिवाली के अगले दिन यानी मंगलवार सुबह नोएडा और दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। नोएडा और ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार दर्ज किया गया, जबकि दिल्ली के कई इलाकों में यह 500 से ऊपर पहुंच गया।

नोएडा के कई सेक्टरों में AQI रिकॉर्ड स्तर पर
दिवाली की रात खत्म होते ही नोएडा में हवा की गुणवत्ता तेजी से गिरी। नोएडा सेक्टर 62 का AQI 312, सेक्टर 125 का AQI 316, ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 5 का AQI 294, नोएडा सेक्टर 116 का AQI 340, ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 3 का AQI 278 दर्ज किया गया। जबकि सेक्टर-1, 2, 3, 5, 6 और 15 में यह 526 के आसपास रहा। सेक्टर-125, 126 और 128 की तरफ यह स्तर 532 दर्ज किया गया। 

दिल्ली में भी हवा में घुला ज़हर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के आनंद विहार में AQI 453, वजीरपुर में 423, अशोक विहार में 404 और द्वारका में 417 दर्ज किया गया। दिल्ली के 30 से अधिक मॉनिटरिंग स्टेशन पर वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही।
पूरी दिल्ली पर धुएं की चादर छाई रही — आईटीओ, मंदिर मार्ग, लोधी रोड, चांदनी चौक और बुराड़ी जैसे इलाकों में AQI 300 से ऊपर दर्ज हुआ।

पहाड़ों की हवा भी हुई दूषित
सिर्फ दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों की हवा भी प्रदूषण से प्रभावित हुई। नैनीताल में AQI 164 और देहरादून में 218 तक पहुंच गया, जो कि ‘मध्यम से खराब’ श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में यह स्तर और बढ़ सकता है। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखे चलाने की अनुमति दी थी। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यही वजह है कि दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट देखने को मिली।

डॉक्टरों ने दी चेतावनी
नोएडा के सेक्टर-110 स्थित सीएचसी की डॉक्टर मीरा पाठक ने बताया कि इस स्तर की हवा में सुबह-सवेरे टहलना, दौड़ना या बच्चों को बाहर खेलना बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा कि लोगों को घर के अंदर रहना चाहिए, खिड़कियां बंद रखें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
डॉ. पाठक के अनुसार, “जरूरी काम से ही बाहर निकलें और N-95 या N-99 मास्क जरूर पहनें। दिनभर में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं ताकि शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकल सकें। तुलसी, अदरक, शहद और गुड़ का सेवन फेफड़ों की सफाई में मदद करता है।”


क्या होता है AQI और इसका असर
0 से 50: अच्छा – सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं
51 से 100: संतोषजनक – संवेदनशील लोगों को हल्की परेशानी
101 से 200: मध्यम – बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों को असर
201 से 300: खराब – सामान्य लोगों को भी खांसी, गले में जलन
301 से 400: बहुत खराब – सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन
401 से ऊपर: गंभीर – स्वास्थ्य पर गहरा असर, अस्पताल में भर्ती तक की नौबत

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