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किसानों की समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट पर भाकियू (शंकर) ने किया प्रदर्शन, आंदोलन की दी चेतावनी

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बैंकिंग व्यवस्था में किसानों के उत्पीड़न का आरोप
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Amrhoa: किसान समस्याओं को लेकर मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (शंकर) ने अमरोहा कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन के नेताओं ने किसानों के बैंकिंग उत्पीड़न, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से जुड़ी अनियमितताओं और अतिरिक्त शुल्क वसूली जैसे मुद्दों पर जमकर आक्रोश जताया। इस दौरान किसानों ने डिप्टी कलेक्टर को एक मांग पत्र सौंपकर समस्याओं के तत्काल समाधान की मांग की।


बैंकों पर मनमानी का आरोप

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की करीब 4,600 शाखाएं किसानों से मनमाने ढंग से अतिरिक्त चार्ज वसूल रही हैं। अन्य बैंकों की तुलना में किसानों से अधिक ब्याज दरें ली जा रही हैं, जिससे किसान आर्थिक रूप से शोषित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में केसीसी के नवीनीकरण के बाद भी किसानों को सब्सिडी नहीं मिली है। बैंक कनेक्टिविटी की समस्या से किसान और बैंककर्मी दोनों परेशान हैं। एक मोबाइल नंबर पर एक से अधिक खाते जुड़े होने से यूपीआई सेवा भी प्रभावित है।


समय पर कार्ड जमा करने के बाद भी सिविल स्कोर खराब

दिवाकर सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा कि कई किसानों ने समय पर कृषि कार्ड जमा कर दिए, बावजूद इसके उनका सिविल स्कोर खराब दिखाया गया, जिससे वे किसी अन्य बैंक से लोन नहीं ले पा रहे हैं। एक किसान साथी को बेटी की शादी में कार खरीदने के लिए लोन चाहिए था, लेकिन बैंक की गलत सिविल रिपोर्ट के कारण उसे लोन नहीं मिला।


केसीसी नवीनीकरण पर अतिरिक्त चार्ज

भाकियू (शंकर) ने कहा कि पुराने केसीसी कार्डों के नवीनीकरण पर बैंकों द्वारा फिर से शुल्क वसूला जा रहा है, जबकि कार्ड बनवाने के समय ही यह शुल्क लिया जा चुका था। किसानों के खातों में ओवरड्यू अमाउंट दिखाकर उनका सिविल स्कोर खराब किया जा रहा है, जिससे उनकी वित्तीय साख प्रभावित हो रही है। संगठन ने मांग की कि केसीसी पर अन्य बैंकों के समान ब्याज दरें लागू की जाएं। भारत सरकार द्वारा तय नीति के अनुसार सभी किसानों की केसीसी लिमिट 5 लाख रुपये तक बढ़ाई जाए। मिनिमम बैलेंस चार्ज की वसूली तुरंत बंद की जाए। कार और दोपहिया वाहन के ऋण पर 11% से अधिक ब्याज वसूली बंद हो। खातों के ट्रांजैक्शन पर जीएसटी और अतिरिक्त शुल्क न काटे जाएं।


प्राइवेट बीमा थोपने की कोशिश बर्दाश्त नहीं

किसानों ने आरोप लगाया कि बैंक केसीसी रिन्युअल की जानकारी एसएमएस से नहीं देते, ताकि किसान समय पर नवीनीकरण न करा सके और अतिरिक्त ब्याज वसूला जा सके। वहीं, 1000 रुपये से कम राशि होने पर खातों में मैसेज नहीं भेजा जाता। किसानों का कहना है कि हर लेनदेन का संदेश देना जरूरी होना चाहिए। संगठन ने यह भी कहा कि बैंकों द्वारा किसानों पर प्राइवेट बीमा योजनाएं थोपने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने मांग की कि केवल प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा और जीवन ज्योति बीमा को ही अनिवार्य रखा जाए, किसी निजी बीमा को जबरन न थोपा जाए।


आंदोलन की चेतावनी

भाकियू (शंकर) ने कहा कि 2 लाख रुपये तक के केसीसी पर किसी भी प्रकार का NEC चार्ज या जमीन बंधक प्रक्रिया लागू न की जाए। वहीं, किसान जब केसीसी खाता बंद करवाता है तो उससे 2-3 हजार रुपये अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है, जो पूरी तरह गलत है। संगठन ने चेतावनी दी कि अगर इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो भाकियू (शंकर) लगातार धरना-प्रदर्शन और आंदोलन जारी रखेगी। इस मौके पर चौधरी धर्मवीर सिंह, विक्रम पंवार, हरि सिंह प्रधान, नेमपाल सिंह, राकेश रतनपुर, मोनू अख़तब, शकील अहमद, राजवीर सिंह, अमित, नेपाल सिंह, वीरपाल सिंह, मनोज, जयदेव, भगवानदास, रामचंद्र सिंह, यशपाल सिंह, श्रीराम, मदन सिंह, शिवस्वरूप सिंह, भूरे सिंह सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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